औरत

साहित्यों में डूबी हुई उन आजादियों के नाम,खिलखिलाती कलियों में गुम उन खुशबुओं के नाम,वो नाम जो लाज़िम है,पर मयस्सर कहीं दूर हैं,जिनकी तलाश में यह दुनिया लाख कसीदे पढ़ती है,पर वो सवाल करे तो उसे बेहूदा कहती है। वो नाम जो समझते है हर मुमकिन सवाल को,जो जवाब देते नहीं थकते इस बवाल को,की … Continue reading औरत