कचनार के फूलों पर सूर्य पक्षीसूरज की तलाश में तुम उगते सूरज को देखो,बादलों के पार एक नया जहान हो जैसे,जहाँ धूप खिलखिलाती हो हर आंगन में,घरों में बहती खुशी की बहार हो जैसे। मनचले रास्तों पर निकल पड़ो,समय की बहती धारा को पीछे छोड़ चलो,रुको नहीं इस डर से की रास्ता खत्म हो जाएगा,ढूँढते … Continue reading तुम उगते सूरज को देखो
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